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झारखण्ड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में CM, स्पीकर समेत कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव परझारखंड विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण कई मायनों में सत्ता का द्वार खोलने में निर्णायक भूमिका निभाएगा. इस चरण में 20 नवंबर को कुल 38 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो सहित चार कैबिनेट मंत्री इरफान अंसारी, हफीजुल हसन, दीपिका पांडेय सिंह और बेबी देवी की किस्मत का फैसला होगा. इसके अलावा कल्पना सोरेन, सीता सोरेन, लुईस मरांडी और लोबिन हेंब्रम पर भी सभी की नजरें टिकीं होंगी. दूसरे चरण में 11 पूर्व मंत्री भी चुनावी अखाड़े में हैं.
स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, बसंत सोरेन, लुईस मरांडी, बादल पत्रलेख, रंधीर सिंह, सुरेश पासवान, प्रदीप यादव, जेपी पटेल, मथुरा महतो और जलेश्वर महतो की भी किस्मत का फैसला होगा. बताते चलें कि 38 सीटों के लिए कुल 528 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें 472 पुरुष और 55 महिला उम्मीदवार हैं. एक जेंडर उम्मीदवार भी चुनावी अखाड़े में है.
राष्ट्रीय दल से 73 प्रत्याशी हैं, जिनमें 60 पुरुष और 13 महिलाएं हैं. मान्यता प्राप्त राज्यस्तरीय झारखंड की पार्टियों के 28 उम्मीदवार भी चुनावी रण में हैं. इसमें 23 पुरुष और पांच महिला उम्मीदवार शामिल हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 257 है. इस दूसरे चरण के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भी खेल बिगाड़ सकते हैं. वहीं इस चरण में जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम की भी अग्निपरीक्षा होगी. जयराम महतो खुद डुमरी और बेरमो से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
वहीं लोकसभा में डेढ़ लाख से अधिक वोट पाने वाले जेएलकेएम उम्मीदवार देंवेंद्रनाथ महतो सिल्ली से आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के सामने हैं. दूसरे चरण के पांच सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं. धनवार में बीजेपी उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी के सामने जेएमएम के निजामुद्दीन अंसारी और सीपीआई-एमएल के राजकुमार यादव भी मैदान में हैं.
डुमरी में मंत्री बेबी सामने आजसू की यशोदा देवी हैं. लेकिन इस सीट से जयराम महतो भी चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार बन रहे हैं. गोमिया में जेएलकेएम के अमरेश महतो भी चुनावी गणित को बिगाड़ सकते हैं. वैसे तो इस सीट पर जेएमएम के योगेंद्र प्रसाद और आजसू के लंबोदर महतो आमने-सामने हैं.
बेरमो में मुकाबला दिलचस्प होगा. इस सीट से कांग्रेस के जयमंगल सिंह, बीजेपी के रवींद्र पांडेय और जेएलकेएम के जयराम महतो चुनावी रण में हैं. यहां भी त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं. सिल्ली में भी त्रिकोणीय संघर्ष के आसार बन रहे हैं. यहां जेएमएम के अमित महतो, आजसू के सुदेश महतो और जेएलकेएम के देवेंद्रनाथ महतो चुनावी अखाड़े में हैं.
किस पर सीट पर कौन हैं आमने-सामने?बरहेटराजेश कच्छप(कांग्रेस)
राम कुमार पाहन(बीजेपी)
PM मोदी नाइजीरिया से ब्राजील के लिए रवाना, जी20 शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार शाम नाइजीरिया से ब्राजील रवाना हो गए. उन्होंने पश्चिम अफ्रीकी देश की अपनी यात्रा को सार्थक बताया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाइजीरिया की सार्थक यात्रा के बाद ब्राजील के लिए विमान में सवार हुए.
अपने प्रस्थान से पहले पीएम मोदी ने भी एक्स पर एक पोस्ट किया. उन्होंने सार्थक यात्रा के लिए नाइजीरिया को धन्यवाद दिया और कहा कि यह भारत-नाइजीरिया दोस्ती को गति और शक्ति देगा .PM @narendramodi emplanes for Brazil after concluding a productive visit to Nigeria. pic.twitter.com/kWT3Br3C9n
— PMO India (@PMOIndia) November 17, 2024इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू से मुलाकात की. स्टेट हाउस पहुंचने पर पीएम मोदी का 21 तोपों की सलामी के साथ औपचारिक स्वागत किया गया.
दोनों नेताओं के बीच बैठक में पीएम मोदी ने देश में हाल ही में आई बाढ़ से हुए विनाश के लिए राष्ट्रपति टीनुबू को अपनी संवेदना व्यक्त की. राष्ट्रपति टीनुबू ने राहत सामग्री और दवाओं के साथ भारत से समय पर मिली सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया. दोनों नेताओं ने भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी बैठक में चर्चा हुई.
पीएम मोदी और राष्ट्रपति टीनुबू ने आतंकवाद, समुद्री डकैती और कट्टरपंथ से मिलकर लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. पीएम मोदी ने नाइजीरिया को कृषि, परिवहन, सस्ती दवा, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल परिवर्तन में भारत के अनुभव की पेशकश की. राष्ट्रपति टीनूबू ने भारत द्वारा पेश विकास सहयोग साझेदारी और स्थानीय क्षमता, कौशल और पेशेवर विशेषज्ञता बनाने में इसके सार्थक प्रभाव की सराहना की.
राष्ट्रपति टीनुबू ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट्स के माध्यम से विकासशील देशों की चिंताओं को उठाने के भारत के प्रयासों की सराहना की. दोनों नेताओं ने ग्लोबल साउथ की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.प्रधानमंत्री मोदी ने इकोवास के अध्यक्ष के रूप में नाइजीरिया द्वारा निभाई गई भूमिका और बहुपक्षीय मंचों पर इसके योगदान की सराहना की.
नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने प्रधानमंत्री मोदी को नाइजीरिया के सर्वोच्च सम्मान, द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर (जीसीओएन) से सम्मानित किया.प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय नाइजीरिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और भारत के लोगों को अपने प्रवासियों की उपलब्धियों पर गर्व है.
नाइजीरिया के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, आज भारत की अनेक कंपनियां नाइजीरिया की पूरी इकोनॉमी को ताकत दे रही हैं. भारतीय कम्युनिटी, नाइजीरिया के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और यह भारत के लोगों की बहुत बड़ी ताकत है. हम दूसरे देश में भले आ जाएं, लेकिन सर्वहित के अपने संस्कार नहीं भूलते.
हमारे लिए पूरा विश्व एक परिवार है. आप लोग भारत की प्रगति से खुश होते हैं और हर भारतीय आपकी प्रगति पर गर्व करता है. मेरा तो सीना गर्व से 56 इंच का हो जाता है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों को अगले साल जनवरी में ओडिशा में हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया.
बेरूत पर इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के मीडिया प्रमुख मोहम्मद अफीफ की मौत
मध्य बेरूत में सीरिया की बाथ पार्टी के कार्यालय को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के मीडिया प्रमुख मोहम्मद अफीफ और तीन अन्य लोगों की मौत हो गई.
स्थानीय टीवी चैनल अल-जदीद के अनुसार, इजरायली लड़ाकू विमानों ने रस अल-नबा क्षेत्र और सोडेको स्क्वायर कमर्शियल सेंटर के बीच स्थित कार्यालय पर दो हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से हमला किया. इससे पहले इजरायली सेना ने इस इमारत को खाली करने के लिए बाथ पार्टी को चेतावनी दी थी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अल-जदीद के हवाले से बताया कि हवाई हमले के दौरान लक्षित इमारत का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया. मलबे को हटाने और पीड़ितों की तलाश के लिए एम्बुलेंस को इलाके में भेज दिया गया.
इजरायली सेना ने 23 सितंबर के बाद से हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष को बढ़ाते हुए लेबनान पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं. अक्टूबर की शुरुआत में, इजरायल ने अपनी उत्तरी सीमा पार करके लेबनान में जमीनी कार्रवाई शुरू की.
लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 8 अक्टूबर 2023 को युद्ध की शुरुआत के बाद से लेबनान पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या 3,452 तक पहुंच गई है, और 14,664 लोग घायल हुए हैं.
सुधा मूर्ति ने अपने दामाद ऋषि सुनक के ‘अच्छे भारतीय मूल्यों’ की प्रशंसा की
विख्यात लेखिका और राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति ने ब्रिटेन में अपने दामाद एवं पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की परवरिश में उनके माता-पिता द्वारा डाले गये ‘अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर उनपर (सुनक पर) गर्व जताया है. सुधा मूर्ति शनिवार शाम यहां भारतीय विद्या भवन के वार्षिक दिवाली समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं, जहां ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति (सुधा मूर्ति की बेटी) भी मौजूद थीं.
भारतीय मूल के ऋषि सुनक की माता उषा सुनक और पिता यशवीर सुनक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में विद्या भवन के ब्रिटिश विद्यार्थियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य का मंचन किया.सुधा मूर्ति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं हमेशा मानती हूं कि जब आप विदेश में हों, तब आपके माता-पिता को दो चीजें अवश्य करनी चाहिए: एक तो अच्छी शिक्षा है, जो आपको पंख देती है और आप कहीं भी जाकर बस सकते हैं. दूसरा महान संस्कृति, आपका मूल है जो भारतीय मूल या जड़ें हैं, वह आपको अपने माता-पिता के साथ भारतीय विद्या भवन में मिल सकती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी संबंधी और अच्छी मित्र उषा जी को बधाई देना चाहती हूं, जिन्होंने अपने बेटे पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भारतीय संस्कृति से जुड़ने का एक बेहतरीन रास्ता दिया, फलस्वरूप वह एक गौरवान्वित ब्रिटिश नागरिक बने और उनमें अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्य स्थापित हुए.
उन्होंने ब्रिटिश भारतीय समुदाय से भवन (ब्रिटेन) की सांस्कृतिक गतिविधियों में ‘मानसिक, शारीरिक और वित्तीय रूप से सहयोग करने की अपील की.वर्षों से इस सांस्कृतिक केंद्र की कट्टर समर्थक रहीं सुधा मूर्ति ने कहा, ‘‘आपको अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति को समझने के लिए यहां भेजना चाहिए, क्योंकि जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो आप अपनी जड़ों की ओर जाते हैं... तब भारतीय विद्या भवन उस फासले को दूर करता है, इसलिए आपको उन्हें बने रहने के लिए हर तरह से मदद करनी होगी.
इस मौके पर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी ने मूर्ति की कृतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये पाठकों को स्वयं के प्रति सच्चे होने के लिए प्रेरित करती हैं, क्योंकि हमारी ‘मूल की कहानी मायने रखती है.
खरगे ने RSS-भाजपा की तुलना जहर से की, कहा- ‘जहरीले सांप’ को मार देना चाहिए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस) की तुलना ‘जहर से की और उन्हें भारत में ‘राजनीतिक रूप से सबसे खतरनाक करार दिया. खरगे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘जहरीले सांप को मारने का उदाहरण दिया .
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर भारत में राजनीतिक रूप से सबसे खतरनाक कोई चीज है तो वह भाजपा और आरएसएस हैं. वे जहर की तरह हैं. अगर सांप काटता है तो वह व्यक्ति (जिसे काटा गया है) मर जाता है... ऐसे जहरीले सांप को मार देना चाहिए.उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालय में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा. खरगे ने कांग्रेस के बागी और सांगली से निर्दलीय सांसद विशाल पाटिल का नाम लिए बगैर उन पर पार्टी को धोखा देने और अपने रिश्तेदार का समर्थन करने का आरोप लगाया. पाटिल की रिश्तेदार 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में प्रचार करने वाले नेताओं की संख्या, मैदान में उतरे उसके उम्मीदवारों की संख्या से अधिक है.उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री (अमित शाह) और अन्य नेता यहां आए हैं. आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां थे. पता नहीं उन्हें क्या हुआ. उत्तर प्रदेश में झांसी के एक अस्पताल में आग लगने से 10 बच्चे मर गए. इसके बावजूद महाराष्ट्र में उनकी जनसभाएं नहीं रुकीं. खरगे ने राज्य स्तरीय चुनावों के लिए जनसभाएं आयोजित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह विधानसभा का चुनाव है, देश का प्रधानमंत्री चुनने का नहीं. उन्होंने कहा कि उनकी (मोदी की) ‘सत्ता की भूख अभी शांत नहीं हुई है. उन्होंने मोदी पर जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर का दौरा न करने और इसके बजाय विदेश यात्रा करने का आरोप लगाया.खरगे ने कहा, ‘‘मोदी कल तक यहीं थे. आज वह विदेश में हैं. मणिपुर जल रहा है, लोग मर रहे हैं, आदिवासी महिलाओं का अपमान हो रहा है और महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है, लेकिन मोदी कभी मणिपुर नहीं गए. वह विदेश दौरे पर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज वह एक देश का दौरा भी कर रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि पहले अपने घर का ख्याल रखें. पहले देश को मजबूत बनाएं. आप बाद में कहीं भी जा सकते हैं.
उन्होंने भारत के नजरिए से प्रधानमंत्री की डोनाल्ड ट्रंप के साथ और रूस व चीन के राष्ट्रपतियों के साथ की गई बैठकों के परिणाम पर भी सवाल उठाया.खरगे ( 83) ने कहा कि उनकी उम्र उन्हें कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन करने और लोगों से मिलने से नहीं रोकेगी. उन्होंने विशाल पाटिल पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ऐसे नेता हैं जिन्हें पार्टी ने पद दिए और उन्होंने उनसे लाभ उठाया. हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर कांग्रेस पार्टी आपको सबकुछ दे रही है तो आपको उसे धोखा नहीं देना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी नहीं चाहती कि (पूर्व मुख्यमंत्री) दिवंगत वसंतदादा पाटिल के परिवार में कोई दरार आए, जो सांगली से थे.उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि सांगली से लोकसभा सांसद (विशाल पाटिल) कांग्रेस पार्टी के समर्थन से जीते हैं और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सम्मान के साथ फिर से शामिल किया है.
गहलोत के इस्तीफे से आप ने खोया जाट चेहरा, मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना पर पड़ सकता असर
दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को पार्टी का चर्चित जाट चेहरा खो दिया. माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे से फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं को 1000 रुपये मासिक मानदेय देने की आप सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रभावित हो सकती है.
गहलोत 2015 से पश्चिमी दिल्ली में जाट बहुल नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. आप सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का असर बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में होना निश्चित है, जहां पर इस समुदाय की अच्छी खासी मौजूदगी है.
गहलोत (50) आतिशी सरकार में परिवहन, गृह, आईटी, प्रशासनिक सुधार और महिला एवं बाल विकास जैसे विभाग संभाल रहे थे.अधिकारियों ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा 2024-25 के बजट में घोषित ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का मसौदा तैयार कर रहा है. उन्होंने बताया कि मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनाव से पहले इसे लागू करने की योजना पर अब असर पड़ेगा, क्योंकि गहलोत इसका मसौदा तैयार करने से जुड़े थे.
गहलोत ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने त्यागपत्र में कई मुद्दे उठाए, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व आधिकारिक आवास ‘शीशमहल विवाद, दिल्ली सरकार का केंद्र के साथ टकराव, जिससे लोगों को बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने में बाधा उत्पन्न हो रही है और यमुना नदी की सफाई में विफलता शामिल है.
दिल्ली भाजपा नेताओं ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत किया. इससे इस बात की चर्चा मजबूत हो गई कि वह विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘‘उन्होंने एक साहसी कदम उठाया. उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए वही कारण बताए हैं जो भाजपा केजरीवाल और आप के खिलाफ उठा रही थी.
हालांकि, आप नेताओं ने दावा किया कि गहलोत ने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय सहित केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे थे और भाजपा में शामिल होना उनके सामने अंतिम विकल्प था.
सूत्रों ने कहा कि गहलोत का इस्तीफा हतप्रभ करने वाला नहीं है लेकिन यह पूरी तरह अप्रत्याशित भी नहीं है, क्योंकि वह आप में ‘‘अलगथलग महसूस कर रहे थे.
सूत्रों ने बताया कि गहलोत के दिल्ली सरकार के नौकरशाहों के साथ-साथ दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय से भी अच्छे संबंध हैं. उन्होंने बताया कि आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव के चरम पर भी गहलोत ने कभी कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. आप सूत्रों ने दावा किया कि इस बार विधानसभा चुनाव में नजफगढ़ से गहलोत का टिकट भी तय नहीं था.
पंजाब में रविवार को पराली जलाने की 400 से अधिक घटनाएं हुईं, मौसम का हाल हुआ बेहाल
पंजाब में रविवार को पराली जलाने की 400 से अधिक नई घटनाएं सामने आईं, जिससे इस मौसम में राज्य में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 8,404 हो गई. दूर संवेदी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है.
पंजाब दूर संवेदी केंद्र ने बताया कि पराली जलाने की 404 नई घटनाएं सामने आयी हैं, जिनमें से फिरोजपुर में 74, बठिंडा में 70, मुक्तसर में 56, मोगा में 45 और फरीदकोट में 30 ऐसी घटनाएं हुईं. फिरोज में पराली जलाने की सबसे अधिक घटनाएं हुईं.
केंद्र के मुताबिक, 2022 और 2023 में इसी दिन पंजाब में पराली जलाने के क्रमश: 966 एवं 1155 मामले सामने आये थे.पंजाब में 15 सितम्बर से 17 नवम्बर तक पराली जलाने की 8,404 घटनाएं हुईं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ऐसी घटनाओं में 75 प्रतिशत की कमी है.
राज्य में 2022 और 2023 में इसी अवधि के दौरान पराली जलाने की क्रमशः 47,788 और 33,082 घटनाएं हुई थीं.अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाये जाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.
बेशकीमती जमीन धीरे-धीरे लोगों को निगल रही... कोयलांचल बना आग का गोला
Jharkhand Elections: इक आग का दरिया और पार कर जाना है...ये शेर कठिनाइयों को बयान करने के लिए बयान की गई है, लेकिन देश में एक ऐसी भी जगह है जहां लोग आग के दरिया को बिस्तर बनाकर सोते हैं और उसी पर रहते हैं. दुनिया की शायद ये इकलौती जगह है जहां लोग धधकते आग के ऊपर रहते हैं. यह जगह है धनबाद का झरिया (Dhanbad Jharia Coal Field). देश की कोयला राजधानी.
कई सालों से लगी है आगयहां जमीन के नीचे बेशकीमती कोयले की खदानें हैं. कहीं पिछले 100 साल से तो कहीं 20 साल से इन खदानों में आग लगी हुई है और ये आग धीरे-धीरे फैलते हुए लोगों के घर, खेत और बिस्तर के नीचे पहुंच चुकी है. यानी ऊपर लोग अपने घरों में रह रहे हैं और उनके घर के ठीक नीचे जमीन जल रही है. यहां हजारों परिवार और लाखों लोग रोज़ इन अंगारों के ऊपर रहकर अपनी जिंदगी से खेलते हैं. कभी खेतों में चढ़ते जानवर इस आग की भेंट चढ़ जाते हैं तो कभी पूरा का पूरा घर जमीनदोज हो जाता है. कभी धरती फटती है और यह आग जमीन से बाहर निकलकर इन लोगों के घरों को आगोश में ले लेती है.
ऐसी है यहां की जिंदगीकितनों ही लोगों ने अपने परिजनों को यहां गंवा दिया है और जो जिंदा बचे हैं, वो भी एक अजीब सी जद्दोजहद वाली जिंदगी जीते हैं. यहां के हर घर में कैंसर, फेफड़े की बीमारी , दमे की बीमारी और ब्लड प्रेशर की मरीज भरे पड़े हैं. कारण है चौबीस घंटे इनका आग और धुएं के बीच में रहना. उस्मान अंसारी भी इन्हीं तरह के बीमारियों से ग्रस्त हैं. बताते हैं कि इन गांववालों का मानना है कि अगर इन्हें मुआवजा दिया जाए तो ये दूसरी जगह जाने को तैयार हैं पर मुआवजे के मामले में गांव वालों और CCL के बीच समन्वय बैठता ही नहीं है.
मदद की आस में लोगखय्याम अंसारी बताते हैं अब जबकि चुनाव सर पर है और नेता हर घर दस्तक दे रहे हैं, तो फिर से वही राग अलापा जाएगा. वहीं कोरे आश्वासन और वहीं झुनझुना लोगों को फिर से पकड़ाया जाएगा कि एक बार सरकार बन जाए, फिर इन्हें इस नर्क से निकाल लिया जाएगा. ये कोयलांचल जहां देश को एक अनमोल खनिज देती है , वही यहां के लोगों को नर्क जैसी जिंदगी देती है और रोज मौत के करीब ले जाती है. ज़रूरत है सरकार को इनकी ओर झांकने की और इस समस्या का हल खोजने की.
GRAP-4 : बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में पाबंदियों का चौथा राउंड शुरू, जानिए अब क्या-क्या हुआ बंद
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) में सोमवार सुबह आठ बजे से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तहत चौथे चरण के प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप समिति ने संशोधित जीआरएपी के चरण-IV को पूरे एनसीआर में लागू कर दिया है. यह कल 18 नवंबर को सुबह 8 बजे से लागू होगा. इसके तहत आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा. एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक, बीएस-4 डीजल ट्रकों को प्रवेश की अनुमति होगी.
दिल्ली-एनसीआर में प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खराब श्रेणी में बने रहने की प्रवृत्ति के मद्देनजर जीआरएपी उप समिति ने इमरजेंसी मीटिंग की. उप समिति ने मौजूदा वायु गुणवत्ता की स्थिति और भारत मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों का जायजा लिया.
उप समिति ने पाया कि रविवार को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 441 दर्ज किया गया, जो कि लगातार बढ़ता गया. आज शाम को 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 452 था और शाम 7 बजे बढ़कर 457 हो गया.
इस स्थिति को देखते हुए सीएक्यूएम उप-समिति ने पूरे एनसीआर में 18 नवंबर को सुबह 8 बजे से GRAP के चरण-IV के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का फैसला लिया. साथ ही क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए चरण I, II और III के तहत सभी कार्रवाइयां लागू की जाएंगी.
दमघोंटू हवा में हाल-ए-दिल्ली: आंखों में जलन, सीने में चुभन... यहां हर शख्स परेशां सा क्यों है
दिल्ली एनसीआर में संशोधित GRAP के चरण-IV के तहत सभी प्रतिबंध सोमवार को सुबह से लागू हो जाएंगे. सभी संबंधित एजेंसियां इन्हें लागू करेंगी. सीएक्यूएम ने नागरिकों से सहयोग करने और जीआरएपी के सिटीजन चार्टर का पालन करने का आग्रह किया है.
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली एनसीआर में आपातकालीन उपाय अपनाए जाएंगे. बढ़ते प्रदूषण के चलते लागू किया जा रहा जीआरएपी-4 चरण AQI 450 के पार जाने पर लागू होता है.
सीएक्यूएम उइप समिति ने दिल्ली एनसीआर में स्कूलों को बंद करने की सलाह दी है. उप समिति ने कहा है कि दफ्तरों में 50 फीसदी लोग ही काम करें. बाकी लोगों से वर्क फ्राम होम कराने की सलाह दी गई है. आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले के वाहनों, सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य भारी वाहनों की एंट्री पर रोक रहेगी.
राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, दूरसंचार आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं पर भी प्रतिबंध लागू होगा. एनसीआर में राज्य सरकारें स्कूलों में भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने का निर्णय ले सकती हैं.
एनसीआर में राज्य सरकारें सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की इजाजत देने पर निर्णय ले सकती हैं. केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की इजाजत देने पर फैसला ले सकती हैं.
राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थान बंद करना और गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर वाहनों को सम-विषम (ऑड-ईवन) आधार पर चलाने की अनुमति देना आदि.
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने जीआरएपी-4 लागू होने पर दिल्ली की स्कूलों को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- कल से GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए भौतिक कक्षाएं बंद कर दी जाएंगी. अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे.
With the imposition of GRAP-4 from tmrw, physical classes shall be discontinued for all students, apart from Class 10 and 12. All schools will hold online classes, until further orders.
— Atishi (@AtishiAAP) November 17, 2024सीएक्यूएम ने एनसीआर के राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (PCB) और डीपीसीसी सहित जीआरएपी के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को चरण-IV के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है. सीएक्यूएम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और आने वाले दिनों में नियमित आधार पर वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करेगा.
परियोजनाओं पर होगा असरजीआरएपी-4 लागू होने का असर दिल्ली की कुछ बड़ी परियोजनाओं पर पड़ेगा. दिल्ली में चल रहे 6 अंडर पास और बायपास बनाने के काम में देरी होगी. चार नए अस्पतालों के निर्माण में देरी हो सकती है. जानकारों के मुताबिक मुकरबा चौक व हैदरपुर मेट्रो रोड को जाममुक्त बनाने के लिए तीन अंडरपास के निर्माण का काम भी प्रभावित होगा. प्रगति मैदान के पास भैरों मार्ग से रिंग रोड पर जाने के लिए अंडरपास के काम पर भी ब्रेक लग जाएगा. यमुना खादर में मयूर विहार फेज-एक के सामने बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर फेज-तीन के काम में भी देरी हो सकती है.
Explainer: हिंसा की आग में फिर से क्यों धधकने लगा मणिपुर? केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी
मणिपुर (Manipur) पिछले दो दिनों से फिर से अशांत हो गया है. घाटी में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं. भीड़ ने कई मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले किए. अब इंफाल घाटी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है क्योंकि नागरिक समाज समूहों ने केंद्र और राज्य सरकार को हथियारबंद समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने या जनता के गुस्से का सामना करने की चेतावनी दी है.
मणिपुर में शनिवार को रात में भीड़ ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हमला किया, लोग महीनों से जारी हिंसा से नाराज थे.
यह घटना जिरीबाम गोलीबारी के बाद कथित रूप से बंधक बनाए गए छह लोगों के सड़े-गले शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद हुई. गोलीबारी में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे.
मणिपुर में बिगड़े हालात के बीच अमित शाह ने वहां की सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की : सूत्र
आतंकियों पर सैन्य कार्रवाई की मांगमैतेई बहुल घाटी के नागरिक समाज समूहों ने अल्टीमेटम दिया है. कोआर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मनीपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा, सभी विधायकों और अन्य नेताओं को एक साथ बैठकर मौजूदा संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने आतंकवादियों और हथियारबंद समूहों पर तत्काल सैन्य कार्रवाई करने की मांग की.
उन्होंने कहा, अगर लोगों को संतुष्ट करने वाली कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सरकार को लोगों के असंतोष और गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र से छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू करने की समीक्षा करने और उसे वापस लेने का आग्रह किया है. विपक्ष राज्य और केंद्र को घेरने की कोशिश कर रहा है.
विपक्ष ने कहा- संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्तविपक्ष के नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, हमने पहले ही कहा है कि अगर जरूरत पड़ी, अगर हम विधायक इस्तीफा दे देते हैं और इससे संकट हल हो सकता है, तो हम इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए राज्य और केंद्र जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. यह सरकार की जिम्मेदारी है और वह इससे बच नहीं सकती.
मणिपुर : NPP ने बीरेन सिंह सरकार से वापस लिया समर्थन
केंद्र ने राज्य में सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारियों को भेजा है. इस बीच कुक-जो के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में, उनके आदिवासी संगठन ने राज्य के घाटी जिलों के लिए व्यापक AFSPA (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) कवरेज की मांग की है.
कांगपोकपी जिले के सदर हिल्स की जनजातीय एकता समिति ने एक बयान जारी कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह मणिपुर के घाटी जिलों के शेष सभी 13 पुलिस थानों में AFSPA लागू करे, तथा लीमाखोंग सहित पहाड़ी क्षेत्रों से इस अधिनियम को हटा ले.
जिरीबाम संकट को लेकर समुदाय का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है. कांगपोकपी की मानवाधिकार कार्यकर्ता सिल्विया ने कहा, बस बहुत हो गया. न्याय के लिए हमारी आवाज को अब और दबाया नहीं जा सकता. हम आज न केवल अपने शहीद भाइयों और बहनों के लिए बल्कि अपने लोगों की गरिमा और कानून के शासन के लिए मार्च कर रहे हैं.
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दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद कहां-कहां के स्कूल बंद?
दिल्ली सरकार ने रविवार को कक्षा 10 और 12 के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं निलंबित करने की घोषणा की. यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार पांचवें दिन चिंताजनक बना हुआ है. यह घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के कुछ घंटों बाद आई. GRAP का चौथा चरण सोमवार सुबह 8 बजे से लागू होगा.
मुख्यमंत्री आतिशी ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कल से जीआरएपी-चार लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए प्रत्यक्ष कक्षाएं स्थगित रहेंगी. सभी स्कूल अगले आदेश तक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करेंगे.हरियाणा सरकार ने शनिवार को उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के मद्देनजर स्थिति का आकलन करने के बाद विद्यालयों में कक्षा पांच तक की कक्षाएं अस्थायी रूप से बंद करने के लिए अधिकृत किया. राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने 10 नवंबर को हिंदी में पोस्ट किया, ‘‘इस संबंध में स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है. उसने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उपायुक्तों को कक्षा 5 तक के विद्यालयों को अस्थायी रूप से बंद करने का अधिकार दिया है.
पत्र में स्कूल शिक्षा निदेशालय ने लिखा, ‘‘मुझे आपको सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सरकार ने निर्णय लिया है कि संबंधित उपायुक्त दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में गंभीर एक्यूआई स्तरों के मद्देनजर मौजूदा स्थिति (जीआरएपी के अनुसार) का आकलन करेंगे और छात्रों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के हित में विद्यालयों (सरकारी और निजी) में कक्षा 5वीं तक के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर सकते हैं. नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों पर अभी प्रशासन की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : मुस्लिम पक्ष की तीन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) मामले में 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शाही ईदगाह कमेटी (मुस्लिम पक्ष) की तरफ से दाखिल कुल तीन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमे को सुनवाई लायक (मेंटेनेबल) माना था.
मुस्लिम पक्ष की दूसरी याचिका में उस फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिसमें मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मुकदमों को हाई कोर्ट द्वारा अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने का फैसला शामिल है.
मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के उस आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े सभी 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था.
कृष्ण जन्मभूमि मामला: SC ने शाही ईदगाह मस्जिद में कमिश्नर सर्वे पर अंतरिम रोक आगे बढ़ाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद केस में एक अगस्त को बड़ा फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि यह वाद सुनवाई के योग्य है. अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं की सुनवाई नहीं करने की मांग वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी.
कृष्ण जन्मभूमि मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि चार महीने तक सुनवाई करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका खारिज कर दी. शाही ईदगाह मस्जिद का तर्क था कि यह मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत वर्जित है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वामित्व को लेकर दाखिल सिविल वादों को पोषणीय माना तथा मस्जिद पक्ष की अर्जियां खारिज कर दीं. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा विचारणीय है, हिंदू पक्ष की याचिका सुनने योग्य है.
मथुरा कृष्ण जन्मभूमि केस में सर्वे पर रोक जारी रहेगी, SC ने कहा- लंबी सुनवाई की जरूरत
श्रीकृष्ण जन्म भूमि और शाही-ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद वर्षों पुराना है. हिन्दू पक्ष लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि यह जगह श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है. कोर्ट में हिन्दू पक्ष की ओर से 18 याचिकाएं दायर की गई हैं. हिन्दू पक्ष की याचिकाओं पर मुस्लिम पक्ष ने रोक लगाने के लिए प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला दिया था.
मुस्लिम पक्ष की याचिका में मांग की गई थी कि हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज किया जाए. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस याचिका को ही खारिज कर दिया. कोर्ट अब हिंदू पक्ष की उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें दावा किया गया है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे ही असली श्री कृष्ण जन्म स्थान है.
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30 मिनट में अमेरिका से भारत..सपना नहीं इसे सच कर दिखाना चाहते हैं Elon Musk
Delhi to San Francisco In 30 Minutes: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के बाद एलन मस्क का रुतबा बढ़ गया है. उन्हें सरकार में नई जिम्मेदारी मिलने वाली है. टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में अग्रणी उद्योगपति एलन मस्क ने हाल ही में अपने एक बयान से दुनिया को चौंका दिया. दरअसल, अब नये प्लान के मुताबिक, एलन मस्क अब दिल्ली से अमेरिका के बीच की फ्लाइट को 15 घंटे से केवल 30 मिनट तक घटाने की तैयारी में हैं. दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे अमेरिका में उतरना, वो भी सिर्फ 30 मिनट में...ऐसा तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है, क्योंकि जो लोग दिल्ली से अमेरिका जाते होंगे, वो ये बात जानते होंगे कि फ्लाइट के इस सफर में कम से कम 15 घंटे तक का वक्त लग जाता है, लेकिन क्या हो जब ये समय 15 घंटों से घट से कर 30 मिनट हो जाए. इस बात पर यकीन कर पाना लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है, लेकिन हाल ही में इस जरूरत से ज्यादा वक्त को लेकर एलन मस्क ने एक अनूठा समाधान निकाला है.
दिल्ली से अमेरिका, कुछ ही मिनटों में..
बता दें कि, एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी प्वाइंट-टू-प्वाइंट स्पेस ट्रेवल के लिए जानी जाती है. स्पेसएक्स कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिनके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती. दरअसल, एलन मस्क ने टारगेट सेट किया कि लोगों के ट्रेवल टाइम को कम किया जा सके. डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टारशिप प्रति यात्रा 1,000 यात्रियों को ले जा सकती है (जो अंतरिक्ष में जाने के बजाय पृथ्वी की सतह के समानांतर कक्षा में उड़ान भर सकती है) स्टारशिप के जरिए अमेरिका के लॉस एंजिल्स से कनाडा के टोरंटो तक केवल 24 मिनट में, यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन से अमेरिका के न्यूयार्क शहर तक 29 मिनट में, न्यूयार्क से चीन के शंघाई तक 39 मिनट में और दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को तक केवल 30 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.
Under Trump s FAA, @SpaceX could even get Starship Earth to Earth approved in a few years — Taking people from any city to any other city on Earth in under one hour. pic.twitter.com/vgYAzg8oaB
— ALEX (@ajtourville) November 6, 2024एलन मस्क का रिप्लाई वायरल
हाल ही में सोशल मीडिया पर एलेक्स (@ajtourville) नाम के एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर परियोजना का एक प्रचार वीडियो साझा किया है. पोस्ट में अनुमान लगाया गया है कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) संभावित दूसरे ट्रम्प प्रशासन के तहत इस पहल को हरी झंडी दे सकता है. हाल ही में सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एलेक्स नाम के एक यूजर ने एलन मस्क से पूछा कि क्या स्पेसएक्स अगले कुछ सालों में एक ऐसी स्टारशिप ला सकती है, जो धरती से धरती पर ही चले और एक घंटे से भी कम समय में एक शहर से दूसरे शहर पहुंचा दे. यूजर के इस सवाल पर एलन मस्क ने ऐसा जवाब दिया कि, देखते ही देखते उनका जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. एलन मस्क ने कहा कि आज के समय में ये संभव है .
डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में एलन मस्क
बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति-इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को अपनी कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी है. ट्रंप ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिसिंएसी (Department of Government Efficiency) का प्रमुख बनाया गया है. एलन मस्क का इस काम में साथ भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति विवेक रामास्वामी निभाने जा रहे हैं.
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दिल्ली में सोमवार से 10वीं-12वीं छोड़कर बाकी सभी स्कूल बंद, CM आतिशी ने की घोषणा
दिल्ली एनसीआर में सोमवार को सुबह आठ बजे से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तहत चौथे चरण के प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप समिति ने संशोधित जीआरएपी के चरण-IV को पूरे एनसीआर में लागू करने का फैसला किया है. इसके साथ दिल्ली की स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाएं ऑनलाइन होंगी. दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने जीआरएपी-4 लागू होने पर दिल्ली की स्कूलों को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- कल से GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए भौतिक कक्षाएं बंद कर दी जाएंगी. अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे.
With the imposition of GRAP-4 from tmrw, physical classes shall be discontinued for all students, apart from Class 10 and 12. All schools will hold online classes, until further orders.
— Atishi (@AtishiAAP) November 17, 2024दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू करने का फैसला लिया है. ग्रैप-4 लागू किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े उपाय लागू किया जाएगा. इस चरण में कारखानों, निर्माण कार्यों, और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.
जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं.
ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकारें स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय ले सकती हैं. ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को एक्यूआई 500 के पार दर्ज किया गया. कई इलाकों में एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया. एक्यूआई डॉट इन के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई सुबह आठ बजे 477 था जो शाम को 548 हो गया. इसके अलावा, अलीपुर का एक्यूआई 586, आनंद लोक का 586, आनंद पर्वत का 521, आनंद विहार 608, अशोक विहार फेज-1 का 539, बवाना औद्योगिक क्षेत्र का 534, भलस्वा लैंडफिल का 508, ग्रेटर कैलाश का 586, आईटीआई शाहदरा का 608, कालकाजी का 646 और पीजीडीएवी कॉलेज का 701 है.
इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नए कानून बनाना बेहद ज़रूरी : अश्विनी वैष्णव के बयान पर पवन दुग्गल
इंटरनेट और सोशल मीडिया पर ट्रैडिशनल मीडिया को फेयर कम्पेन्सेशन सुनिश्चित करने को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के महत्वपूर्ण बयान पर आईटी विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने एनडीटीवी से कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहम सवाल उठाया है. ट्रैडिशनल मीडिया को फेयर कम्पेन्सेशन सुनिश्चित करने के लिए देश में नए कानूनी प्रावधान बनाना बेहद ज़रूरी हो गया है. इसके लिए भारत को नए रूल्स और रेगुलेशंस भी बनाने होंगे.
पवन दुग्गल ने कहा कि डिजिटल मीडिया को फ्री लंच लंबे समय तक नहीं दे सकते. ट्रैडिशनल मीडिया न्यूज़ इकठ्ठा करने पर काफी संसाधन और पैसे खर्च करता है, उसे उसका सही कम्पेन्सेशन मुहैया कराना बेहद महत्वपूर्ण होगा.ट्रैडिशनल मीडिया को फेयर कम्पेन्सेशन सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में नए कानूनी प्रावधान बनाये गए हैं, जो वहां की सरकार को अधिकार देते हैं जिससे फेयर प्ले सुनिश्चत हो सके.
आईटी विशेषज्ञ ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस चुनौती को एड्रेस करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग बुलानी चाहिए, जिससे भारत में नए कानूनी प्रावधान तैयार किए जा सकें. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के इस्तेमाल को रेगुलेट करने का भी सवाल जुड़ा है.
पवन दुग्गल बोले कि चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करने के लिए नया कानून बनाया है. अभी भारत में जो कानून है, वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सही तरीके से रेगुलेट करने के लिए पर्याप्त नहीं है. भारत सरकार को इस दिशा में भी आगे गंभीरता से पहल करना होगा.
केजरीवाल को 2024 में लगा चौथा बड़ा झटका, जानिए कैलाश गहलोत के इस्तीफे की पूरी कहानी
Kailash Gehlot Resigned From AAP: अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (AAP) से उसके एक और साथी ने अपना दामन छुड़ा लिया. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने आज इस्तीफा देते हुए अपने एक्स बॉस से लेकर पार्टी तक पर गंभीर आरोप लगाए. इसी तरह आप ने भी पलटवार करते हुए अपने दल में कुछ घंटे पहले तक रहे नेता पर गंभीर आरोप लगाए. बीजेपी से ईडी तक का हाथ बताया. सबसे खास बात ये कि अरविंद केजरीवाल ने भी अपने नेता के जाने और आरोपों पर कुछ भी नहीं बोले. सवाल पूछने पर माइक को अपने दूसरे नेता को दे दिया. हालांकि, ये पहले बार नहीं हुआ. जब-जब आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने पार्टी को छोड़ा है, लगभग ऐसा ही होता आया है. आरोप के बदले आरोप, बीजेपी का हाथ और अरविंद केजरीवाल चुप.
पहला झटकाइसी साल 10 अप्रैल 2024 को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजकुमार आनंद ने मंत्री पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. राजकुमार आनंद अरविंद केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे. राजकुमार आनंद (Rajkumar Anand) ने कहा कि आम आदमी पार्टी में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सम्मान नहीं होता है. दलितों को प्रमुख पदों पर जगह नहीं दी जाती है. मैं बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति हूं. अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाया तो फिर पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है. जवाब में आप ने कहा कि राजकुमार आनंद पर बीजेपी और ईडी का दबाव है. अरविंद केजरीवाल ने कोई बयान उस दिन नहीं दिया.
दूसरा झटका13 मई 2024 को स्वाति मालीवाल 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गईं थी. स्वाति का आरोप है कि विभव ने उन्हें 7-8 थप्पड़ पूरी जोर से मारे, जिससे उनका सिर सेंटर टेबल से टकराया. नीचे गिरने पर उसने उन्हें लातों से मारा, जिससे शर्ट के बटन खुल गए थे. स्वाति मालीवाल के बयान के बाद16 मई को केस दर्ज हुआ था. 18 मई को विभव को केजरीवाल के घर से गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले में भी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब केजरीवाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने माइक संजय सिंह की ओर कर दिया.
तीसरा झटका6 सितंबर 2024 को दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) विधायक राजेन्द्र पाल गौतम शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ज्वाइन करने पर राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि संविधान खतरे में है और बीजेपी को हटाना है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस मिलकर लड़ेगी तो कोई दिक्कत नहीं है.आम आदमी पार्टी में एससी/ एसटी/ ओबीसी के लोगों को नजरअंदाज किया जाता रहा है. इसलिए मैंने कांग्रेस का दामन थामा है. इस मामले में आप बीजेपी पर आरोप नहीं लगा पाई, लेकिन अपने नेता पर आरोप जरूर लगा गई.
आज क्या बोले केजरीवालआज अरविंद केजरीवाल ने पूर्व भाजपा विधायक अनिल झा का आप में स्वागत करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया. केजरीवाल से गहलोत के अचानक बाहर निकलने के बारे में पूछा गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने तुरंत माइक्रोफोन अपने बगल में बैठे पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक की ओर घुमाया. जब रिपोर्टर ने उनकी प्रतिक्रिया के लिए जोर दिया, तो केजरीवाल ने मुस्कुराते हुए कहा, आपको जवाब चाहिए, है ना?
AAP ने क्या कहापाठक ने कहा कि कैलाश गहलोत से कई महीनों से ईडी और आयकर द्वारा पूछताछ और छापेमारी की जा रही थी. उन्होंने कहा, इसलिए उनके पास कोई विकल्प नहीं था, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा दिल्ली चुनाव हार गई है. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है, वे ईडी, सीबीआई और आयकर के आधार पर लड़ रहे हैं और हम लोगों के मुद्दों पर लड़ रहे हैं. इससे पहले, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि श्री गहलोत का इस्तीफा भाजपा की गंदी राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने एक वीडियो में कहा, कैलाश गहलोत पर ईडी-सीबीआई छापों के जरिए दबाव डाला जा रहा है और वह बीजेपी की स्क्रिप्ट के मुताबिक बोल रहे हैं. दिल्ली चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन सक्रिय हो गई है. अब इसके जरिए कई नेताओं को बीजेपी में लिया जाएगा.
गहलोत के इस्तीफे की कहानीसूत्रों का कहना है कि गहलोत और AAP नेतृत्व के बीच कलह के बीज 15 अगस्त को दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर डल गए थे. दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उस समय जेल में थे. केजरीवाल ने निर्देश दिया था कि दिल्ली की तत्कालीन शिक्षा मंत्री आतिशी झंडा फहराएं. हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने निर्देश को अमान्य मानते हुए हस्तक्षेप किया और इसके बजाय कैलाश गहलोत को इस काम के लिए नामित किया. आप ने उपराज्यपाल पर उसके अधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाया और इस कदम को ओछी राजनीति बताया. आतिशी ने सक्सेना के फैसले की आलोचना की, इसे तानाशाही का कार्य करार दिया और लोकतंत्र के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया. फिर गहलोत ने उपराज्यपाल के निर्देशों का पालन करते हुए झंडा फहराया और यहीं से केजरीवाल और आप के साथ उनके संबंधों में तनाव आ गया.इसके बाद पिछले साल दिसंबर में गहलोत से कानून विभाग छीनकर आतिशी को सौंप दिया गया. फिर वो मुख्यमंत्री बन गईं और गहलोत और कमजोर होते चले गए.
गहलोत ने क्या कहाअपने त्यागपत्र में गहलोत ने AAP से जुड़े विवादों को शर्मनाक और अजीब बताया. उन्होंने कहा, मैं सबसे पहले आपको एक विधायक और एक मंत्री के रूप में दिल्ली के लोगों की सेवा और प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देना चाहता हूं. हालांकि, साथ ही, मैं आपके साथ यह भी साझा करना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को खत्म कर दिया है, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं. उदाहरण के लिए यमुना को लें, जिसे हमने एक स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. अब यमुना नदी शायद उससे भी अधिक प्रदूषित है. इसके अलावा अब शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीब विवाद भी हैं, जो अब हर किसी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं?
कैलाश गहलोत कहां के हैंलंबे समय तक आप नेता रहे कैलाश गहलोत के पास अभी तक दिल्ली सरकार में प्रशासनिक सुधार, परिवहन, गृह, महिला एवं बाल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग थे. उन्होंने फरवरी 2015 में नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा के लिए अपना पहला चुनाव जीता. 1974 में जन्मे गहलोत नजफगढ़ के मित्राऊं गांव के रहने वाले हैं, जहां उनका परिवार नौ पीढ़ियों से अधिक समय से रह रहा है.गहलोत 16 वर्षों से अधिक की कानूनी प्रैक्टिस के साथ उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में एक वकील भी हैं. उन्हें 2005 से 2007 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन में सदस्य कार्यकारी के रूप में चुना गया था.
झारखंड में चुनाव आयोग ने बीजेपी को अपने वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया
चुनाव आयोग ने झारखंड भाजपा को उसका एक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के लिए कहा गया है. चुनाव आयोग ने इस पोस्ट को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. भाजपा को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के कथित उल्लंघन पर जवाब देने के लिए भी कहा गया है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और सहयोगी कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है.
आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि कांग्रेस और जेएमएम ने शिकायत की है कि भाजपा के एक्स और फेसबुक पर पोस्ट किया गया एक वीडियो सांप्रदायिक, दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक है. इस वीडियो का शीर्षक है पूरे झारखंड का काया पलट देंगे .राज्य के निर्वाचन अधिकारी ने आगे लिखा शिकायत पर गौर करने पर, ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त वीडियो प्रथम दृष्टया आचार संहिता का उल्लंघन है. इसलिए, मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुसार तत्काल इन्हें हटाने का निर्देश दिया जाता है.
झारखंड में पहले चरण का मतदान हो चुका है. दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होना है. मतगणना 23 नवंबर को होगा. कांग्रेस और जेएमएम के मुकाबले में भाजपा अपना पूरा जोर लगा रही है.
किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है इस शोकसभा की कहानी, मरे हुए शख्स को जिंदा देख लोगों की निकल गईं चीखें
Mehsana weird incident: गुजरात के मेहसाणा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है, जिसके बारे में जानकर यकीनन आप भी हक्के-बक्के रह जाएंगे. दरअसल, यहां एक परिवार ने लावारिस शव को अपना बेटा समझकर अंतिम संस्कार कर दिया. लोगों के होश तब उड़ गए जब वहीं बेटा अपनी ही शोकसभा के दिन घर लौट आया. अब इस मामले के फैलने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस पर हैरानी जता रहे हैं, तो कुछ तरह-तरह के किस्से बताकर इस मामले से वास्ता रख रहे हैं.
मामले में पुलिस ने कही ये बात
यह मामला गुजरात के मेहसाणा जिले का है, जहां के विजापुर स्थित प्रभुनगर सोसायटी में रहने वाला सुथार परिवार कुछ समय पहले नौकरी के लिए अहमदाबाद शिफ्ट हुआ था. बताया जा रहा है कि, इसी दौरान 27 अक्टूबर को 43 वर्षीय बृजेश सुथार अचानक अपने घर से गायब हो गए. परिवार और जान-पहचान वालों ने आसपास के इलाके में बृजेश को तलाशने में रात-दिन एक कर दिए, लेकिन बृजेश का कोई सुराग नहीं मिला. जब परिवार और नाते-रिश्तेदार बृजेश को ढूंढ-ढूंढकर थक-हार गए, तब उन्होंने नरोदा थाने में बृजेश के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई.
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अपनी ही शोक सभा में जिंदा पहुंचा शख्स
इस बीच पुलिस को एक शव मिला. गम से भरे सुथार परिवार ने लावारिस शव को अपना बेटा समझ लिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मृतक की याद में परिवार ने शोकसभा का भी आयोजन किया. लोगों की आंखें तब खुली की खुली रह गईं, जब शोकसभा वाले दिन कथित तौर पर मृतक व्यक्ति घर लौट आया. इस बीच बृजेश को देखकर हर कोई हैरान रह गया. वहीं अपनी ही शोकसभा को देखकर बृजेश के भी पैरों तले जमीन खिसक गई. अब इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों-शोरों से हो रही है.
43 वर्षीय व्यक्ति की दोबारा मौजूदगी ने अब पुलिस के लिए एक बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है. अब बड़ा सवाल यह है कि अंतिम संस्कार किसके शव का किया गया? पुलिस अब जांच कर रही है कि शव किसका था, क्योंकि बृजेश का परिवार घटनाओं के विचित्र मोड़ से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है. पिछले महीने लापता होने के बाद से अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि, बृजेश कहां था.
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प्रधानमंत्री मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति टीनुबू से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू से मुलाकात की. स्टेट हाउस पहुंचने पर पीएम मोदी का 21 तोपों की सलामी के साथ औपचारिक स्वागत किया गया. दोनों नेताओं के बीच एक बैठक हुई, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई.
प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति टीनुबू के साथ अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात को याद किया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता के विशेष बंधन हैं, जो साझा अतीत, समान लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों द्वारा परिभाषित हैं.
पीएम मोदी ने देश में हाल ही में आई बाढ़ से हुए विनाश के लिए राष्ट्रपति टीनुबू को अपनी संवेदना व्यक्त की. राष्ट्रपति टीनुबू ने राहत सामग्री और दवाओं के साथ भारत से समय पर मिली सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.दोनों नेताओं ने भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी बैठक में चर्चा हुई.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद, समुद्री डकैती और कट्टरपंथ से मिलकर लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. पीएम मोदी ने नाइजीरिया को कृषि, परिवहन, सस्ती दवा, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल परिवर्तन में भारत के अनुभव की पेशकश की. राष्ट्रपति टीनूबू ने भारत द्वारा पेश विकास सहयोग साझेदारी और स्थानीय क्षमता, कौशल और पेशेवर विशेषज्ञता बनाने में इसके सार्थक प्रभाव की सराहना की.
राष्ट्रपति टीनुबू ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट्स के माध्यम से विकासशील देशों की चिंताओं को उठाने के भारत के प्रयासों की सराहना की. दोनों नेताओं ने ग्लोबल साउथ की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.
प्रधानमंत्री मोदी ने इकोवास के अध्यक्ष के रूप में नाइजीरिया द्वारा निभाई गई भूमिका और बहुपक्षीय मंचों पर इसके योगदान की सराहना की.
नाइजीरियाई राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति टीनुबू के साथ बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई. हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गति देने के बारे में चर्चा की. रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में संबंधों को और आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पहली बार नाइजीरिया पहुंचे. यह यात्रा उनके तीन देशों के दौरे का हिस्सा है, जिसमें वे ब्राजील और गुयाना भी जाएंगे. पीएम मोदी पिछले 17 साल में नाइजीरिया जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने अबुजा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस यात्रा को भारत और नाइजीरिया के रिश्तों को मजबूत करने के लिए खास माना जा रहा है.
नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने प्रधानमंत्री मोदी को नाइजीरिया के सर्वोच्च सम्मान, द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर (जीसीओएन) से सम्मानित किया.इसी के साथ पीएम मोदी नाइजीरिया का यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले विश्व की दूसरी बड़ी शख्सियत बन गए हैं. इससे पहले महारानी एलिजाबेथ एकमात्र विदेशी हस्ती हैं, जिन्हें 1969 में इस सम्मान से नवाजा गया था.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, नाइजीरिया के राष्ट्रीय सम्मान द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर से सम्मानित किए जाने पर मैं आपका, नाइजीरिया की सरकार और लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. मैं इस सम्मान को विनम्रता और आदर भाव से स्वीकार करता हूं. मैं इस सम्मान को 140 करोड़ भारतवासियों और भारत-नाइजीरिया की गहरी मित्रता को समर्पित करता हूं.
मणिपुर में बिगड़े हालात के बीच अमित शाह ने वहां की सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की : सूत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की रविवार को समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने उच्च सुरक्षा अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति अस्थिर बनी हुई है. मणिपुर पिछले साल मई से ही जातीय संघर्ष से जूझ रहा है.
मणिपुर में हाल ही में छह लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्हें उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था. सूत्रों ने बताया कि बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई. कल गृह मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक और बैठक बुलाई गई है.
मणिपुर में पिछले करीब 18 महीनों से हिन्दू मैतेई बहुसंख्यक समुदाय और ईसाई कुकी समुदाय के बीच समय-समय पर झड़पें होती रही हैं. इससे राज्य जातीय क्षेत्रों में बंट गया है.
शवों में से तीन को शुक्रवार को जिरीबाम में नदी से निकाला गया जबकि तीन और शव शनिवार को मिले. संदेह है कि यह मैतेई समुदाय के लोग हैं जो पिछले सप्ताह कुकी विद्रोहियों और मणिपुर पुलिस के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम जिले में लापता हो गए थे.
शव मिलने की खबर से गुस्साई भीड़ ने राज्य के मंत्रियों के घरों पर हमला कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राजधानी इंफाल में टायर जलाए और सड़कें जाम कर दीं. इस पर राज्य सरकार ने कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण शहर के एक हिस्से में कर्फ्यू लगा दिया है.
राज्य के गृह मंत्रालय ने मणिपुर में हालिया अशांति को नियंत्रण में लाने के लिए दो दिनों के लिए सभी इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है.
एक नोटिस में कहा गया है, असामाजिक तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, अभद्र भाषा और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मणिपुर में हिंसा के दौर में महीनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. राज्य में करीब 60 हजार लोग विस्थापित हो गए. राज्य के हजारों निवासी इमरजेंसी शेल्टरों में रह रहे हैं. वे अभी तक जारी तनाव के कारण अपने घरों में नहीं लौट पा रहे हैं.